Wednesday, March 20, 2024

कुछ मुंतख़ब उर्दू अशआर पेशे ख़िदमत हैं |

ज़िंदगी किस तरह बसर होगी

दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में

जॉन एलिया

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का नाम है

मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

इमाम बख़्श नासिख़

तुम मोहब्बत को खेल कहते हो

हमने बर्बाद ज़िंदगी कर ली

बशीर बद्र

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